
💥जल, वायु और ध्वनि प्रदूषण के संगम में डुबकी लगाने को मजबूर ग्रामवासी।
💥सुपर सोनिक लड़ाकू विमान से कई गुना तेज शोर कर रहा सालासर कंपनी का पॉवर प्लांट।
💥बच्चे, बूढ़े और हार्ट व बीपी के मरीजों की आयी शामत।
तहतक न्यूज/रायगढ़।
उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती नदी के संगम में श्रद्धापूर्वक डुबकी लगाकर जहाँ लोग पुण्य प्राप्त कर मोक्ष की कामना करते हैं वहीं छत्तीसगढ़ में जिला रायगढ़ के लैलूंगा विधानसभा अंतर्गत औद्योगिक तीर्थ स्थल गेरवानी में भी एक ऐसा स्थल है जहाँ जल, वायु और ध्वनि प्रदूषण का अनूठा संगम देखने को मिल रहा है। ये ऐसा संगम स्थल है जिसमें डुबकी लगाना कोई नहीं चाहता जबकि यहाँ जीवन से मुक्ति की शत-प्रतिशत गारंटी है।

हम बात कर रहे हैं इस क्षेत्र में व्याप्त भयंकर प्रदूषण की जहाँ लोग मौत के मुहाने में खड़े हैं और नेता विकास के गीत गा रहे हैं। बता दें कि गेरवानी का इलाका भीषण प्रदूषण की मार झेल रहा है। यहाँ स्थापित उद्योगों से क्षेत्र के लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। ग्राम पंचायत लाखा की बात की जाय तो यहाँ के निवासी कंपनियों की लापरवाही और हठधर्मिता के चलते नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं।

यहाँ साँझ ढलते ही पूरे वातावरण में फ्लाई ऐश और धूल के गुबार उड़ने लगते हैं जिससे घर के अंदर तक काली परत जम जाती है। कपड़े, बिस्तर और कीमती सामान बर्बाद हो रहे हैं। साँस के जरिये ये खतरनाक रासायन युक्त कण शरीर के अंदर लगातार जमा हो रहे हैं जिसकी चिंता न तो उद्योगों को है और न ही पर्यावरण विभाग को। लोग गंभीर और लाइलाज बीमारियों की आशंका में दिन काटने को विवश हैं।

स्थानीय निवासी वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण का दंश तो झेल ही रहे हैं अब सालासर कंपनी की मेहरबानी से ध्वनि प्रदूषण का भी स्वाद चखना पड़ रहा है। आपको बता दें कि तराईमाल स्थित सिंघल इंटरप्राइजेज के अधीन सालासर कंपनी के पॉवर प्लांट से बीते एक सप्ताह से हर एक डेढ़ घंटे में तेज गति से स्टीम छोड़ा जा रहा है जिससे इतनी भयंकर और कान फाड़ देने वाली आवाज निकलती है कि लोगों को कान बंद करना पड़ता है, सो रहे छोटे बच्चे नींद से जाग उठते हैं और डरकर रात भर नहीं सोते। बड़े लोग तो जैसे-तैसे दिन काट रहे हैं लेकिन छोटे बच्चों और नवजात शिशुओं के लिए यह बहुत ही घातक सिद्ध हो रहा है। उक्त कंपनी के मनमाने रवैये पर समय रहते अंकुश नहीं लगाया गया तो निकट भविष्य में क्षेत्र वासियों को भयानक व गंभीर परिणामों से गुजरना पड़ सकता है।
हवाई जहाज के आवाज से भी कई गुना तेज इस खतरनाक शोर के सम्बन्ध में सालासर कंपनी के अधिकारी विनय शर्मा से तहतक न्यूज ने संपर्क कर जानना चाहा तो दो टूक शब्दों में ‘कल ही तो चालू हुआ है टेस्टिंग चल रही है मैं कंट्रोल कराता हूँ।’ कह कर पल्ला झाड़ लिया गया और अब दो दिन और बीत गये हैं लेकिन अभी तक कंट्रोल नहीं हुआ। सवाल उठता है कि आपकी टेस्टिंग से आम जनता को क्या लेनादेना? पर्यावरण खराब कर बिजली आप बनाओ, करोड़ों रूपये आप कमाओ और खामियाजा जनता क्यों भुगते? ये कैसा रीवाज है? कार्यवाही करने वाला पर्यावरण विभाग तो वैसे भी लकवाग्रस्त पड़ा है, केवल जनसुनवाई संपन्न करवाने के समय ही बिस्तर से उठता है।
ऐसे में जनता करे तो करे क्या? वह जितनी चीखती-चिल्लाती है, प्रदूषण सूरसा के मुख की तरह और बढ़ जाता है। नेता, मंत्री, विधायक सब चुप्पी साधे हुए हैं। ऐसा लगता है जैसे इनके मुँह में मीठा दही जमा हुआ है।
बहरहाल क्षेत्र की जनता में आक्रोश का माहौल है जोकि धीरे-धीरे बढ़ रहा है, यदि समय रहते कोई ध्यान नहीं दिया गया तो जनता तो जनता है जब बिफरती है तो अच्छे से अच्छे सिंहासन डोल जाते हैं।