तहतक न्यूज/सारंगढ़-बिलाईगढ़।
जिले में स्थित अपेक्स बैंक की बरमकेला ब्रांच में लाखों रुपए की हेराफेरी का एक बड़ा मामला प्रकाश में आया है जिसमें पांच आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है तथा अपेक्स बैंक के एक लिपिक को भी सस्पेंड कर दिया गया है। अपेक्स बैंक इस मामले को दबाने का प्रयास रहा है क्योंकि ब्रांच मैनेजर दिगम्बर बाघमारे की संलिप्तता भी सामने आई है क्योंकि पहले तो आउटसोर्स कर्मचारियों की गलत तरीके से भर्ती करवाई। फिर इनको वित्तीय कार्य में भी लगाया।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक साल्हेबोना, पंचधार, बोंदा, समितियों के एकाउंट से राशि आईएमपीएस के जरिए अपने एकाउंट में ट्रांसफर कर ली। डीएमआर खातों में नियम विपरीत एवं संदिग्ध ट्रांजेक्शन व नकद आहरण करने, समिति के केसीसी खातों को अनाधिकृत रूप से नामे कर राशि अंतरण किया गया है। इस घोटाले में शाखा प्रबंधक डी.आर. बाघमारे, लेखाधिकारी मीनाक्षी मांझी और लिपिक आशीष पटेल की संलिप्तता पाई गई है।
लेखाधिकारी की अनुपस्थिति में ब्रांच मैनेजर बाघमारे द्वारा सुनियोजित तरीके से उसकी आई डी से गबन कराया गया है। आशीष पटेल को तुरंत सस्पेंड किया गया। इसके बाद ब्रांच में काम कर रहे प्राइवेट एजेंसी के आउट सोर्स कर्मचारी भी हटाए गए हैं। बताया जा रहा है कि सिक्योरिटीज एंड पब्लिक हेल्पलाइन सर्विस ने बरमकेला ब्रांच में पांच कर्मचारी भेजे थे। इसमें से लिकेश बैरागी डाटा एंट्री ऑपरेटर, रमाकांत श्रीवास डाटा एंट्री ऑपरेटर, अरुण चंद्राकर सिक्योरिटी गार्ड, खीरदास महंत सिक्योरिटी गार्ड और संजीव मानिकपुरी सिक्योरिटी गार्ड है। इन पांचों की सेवा समाप्त कर दी गई है।
अपेक्स बैंक के अधिकारियों व कर्मचारियों ने समितियों को अवैध कमाई का जरिया बना लिया है। 4 एवं 5 नवंबर को करोड़ों रुपयों के संदिग्ध ट्रांजेक्शन किए गए हैं जिसकी जानकारी मुख्यालय को मिलने पर तत्काल जांच की गई जिसमें आर्थिक अनियमितता पाई गयी गई। 8 नवंबर को देर रात अपेक्स बैंक के प्रबंध संचालक के.एन. कांडे व लिपिक आशीष पटेल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह भी सवाल उठे हैं कि एक ही ब्रांच में तीन-चार सिक्योरिटी गार्ड्स की भर्ती कैसे की गई। उनको वित्तीय कार्य कैसे दिए गए। जबकि आउटसोर्स कर्मचारियों को बैंक के वित्तीय कार्यों में उपयोग नहीं किया जा सकता।
अपेक्स बैंंक बरमकेला ब्रांच में इतना बड़ा कांड सामने आने के बाद से बैंक प्रबंधन अपनी साख बचाने में लगा हुआ है। समितियों के एकाउंट से लंबे समय से गबन का खेल चल रहा है। बरमकेला और सारंगढ़ ब्रांच अभी भी रायगढ़ मुख्य ब्रांच से नियंत्रित होता है। प्रारंभिक जांच में 50 लाख रुपए का गबन प्रमाणित हुआ है। ऐसे मामलों में एफआईआर दर्ज कराई जाती है। लाखों-करोड़ों के गबन के इस मामले में अपेक्स बैंक में सन्नाटा छाया हुआ है।
अपेक्स बैंक बरमकेला ब्रांच में लाखों की हेराफेरी
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