
तहतक न्यूज/रायगढ़।
हिन्दुओं के महापर्व दीपावली के आते ही शहर हो या गाँव बाजार सजने लगते हैं। अमीर हो या गरीब सब अपनी-अपनी क्षमता अनुसार जमकर खरीददारी करते हैं। इसी तारतम्य में रायगढ़ शहर में भी दुकानें सज कर तैयार हैं। पटाखों की बात करें तो रायगढ़ शहर के बीच शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी स्टेडियम में पटाखों की दुकानें सज कर तैयार हैं और लोगों ने खरीददारी भी शुरू कर दी है परन्तु पटाखा दुकानदारों ने सुरक्षा को ताक पर रख अपने तथा अपने ग्राहकों की जान को दांव पर लगा दिया है। यही नहीं आम जनहित व सुरक्षा के जिम्मेदार अधिकारी व जनप्रतिनिधि भी आंखे मुंदे किसी बड़े अग्निकांड की प्रतीक्षा करते हुए नजर आ रहे हैं। आपको बता दें कि अग्निशमन विभाग रायगढ़ द्वारा जारी एडवाइजरी के अनुसार अति संवेदनशील पटाखा बाजार में दिखावे के लिए कुछ नियमों का पालन जरूर किया गया है लेकिन अज्वलनशील सामग्री से बने टिन शेड के बजाय ज्वलनशील वस्तु जैसे कपड़ा, बांस, प्लास्टिक टेंट का उपयोग किया गया है। इतना ही नहीं यहाँ दुकानों के बीच निर्धारित तीन मीटर की दूरी तो क्या मात्र एक परदे की आड़ पर निर्मित दुकानें और पेट्रोल चलित दुपहिया वाहन भी जहाँ-तहाँ खड़े कर दिये गये हैं। इस प्रकार देखा जाय तो सुरक्षा उपाय के नियमों की खुले आम धज्जियाँ उड़ाई जा रही है।

उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले मध्यप्रदेश के गुना में पटाखा बाजार में आग लग गयी थी जिसमें 20 दुकानें जल कर खाक हो गयीं और वहाँ खड़ी 6 बाईक भी जल कर राख हो गयीं। हालांकि कोई जन हानि की खबर नहीं है परन्तु लाखों रुपयों की क्षति हुई है। इसके बावजूद भी इससे सबक लेने के बजाय यहाँ चंद रुपयों की लालच में इतनी बड़ी लापरवाही को अंजाम दिया जा रहा है जोकि समझ से परे है। यहाँ यह भी बताना लाजिमी होगा कि प्रशासन, पुलिस, नगर निगम, विद्युत विभाग और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम द्वारा सुरक्षा के मद्दे नजर स्टेडियम में लगे पटाखा दुकानों का निरीक्षण भी कर लिया गया है किन्तु यहाँ ज्वलनशील सामग्री जैसे बांस, रस्सी, प्लास्टिक टेंट तथा दुकानों के बीच की दूरी पर किसी की नजर नहीं पड़ी। क्यों नहीं पड़ी और पड़ी तो मनाही या कोई कार्यवाही क्यों नहीं हुई यह बात अनेकों सवालों को जन्म दे रही है। भगवान न करे यदि ऐसी कोई आगजनी की घटना होती है तो कौन होगा इसका जिम्मेदार….?

