
तहतक न्यूज/मंगलवार/13 अगस्त 2024/कोंटा :
खाकी वर्दी को शर्मसार करने वाला बेहद ही चालाक, शातिर और आपराधिक प्रवृत्ति का एक पुलिस अधिकारी के काले कारनामें की भद्दी तस्वीर सामने आयी है जिसे देखकर आप दांतों तले पूरी ऊँगली ही चबा डालेंगे।हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले की जहाँ से इस प्रकार का अत्यंत गंभीर और निंदनीय मामला प्रकाश में आया है,जिसमें पुलिस की कार्यवाही को प्रश्ननांकित किया जा रहा है। मामला बस्तर के चार पत्रकारों के खिलाफ आंध्रप्रदेश में पुलिसिया कार्रवाई में गहरे षड़यंत्र का है। आरोप है कि थाना कोंटा के टीआई अजय सोनकर ने कूट रचना कर आंध्र पुलिस के साथ मिलकर पत्रकारों की गाड़ी में गांजा रखवाया और गिरफ्तार करा दिया। घटना की खबर दावानल की तरह पूरे देश में फैल गयी। खबर लगते ही प्रदेशभर के सभी पत्रकार संगठनों के विरोध और लामबंद होते देख प्रशासन ने तत्काल टीआई को लाइन अटैच कर दिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सुकमा और दंतेवाड़ा जिले के 4 पत्रकार बप्पी राय, मनीष सिंह,धर्मेन्द्र सिंह,और निशु त्रिवेदी कोंटा क्षेत्र में अवैध रेत परिवहन की रिपोर्टिंग के लिए कोंटा पहुंचे थे। शबरी नदी से ट्रकों में रेत लोड कर हैदराबाद ले जाते वाहनों को रोक कर उक्त पत्रकारों द्वारा पूछताछ की गई और वीडियो बनाया गया। इसी बीच कोंटा थानेदार अजय सोनकर पहुँचा और दो ट्रकों को जब्त कर थाने लाया और रात को ही छोड़ दिया। अगले दिन शनिवार की सुबह कोंटा के एक लॉज में ठहरे चारों पत्रकार कोंटा सीमा पर आंध्रप्रदेश के चट्टी गए हुए थे, जहां उन्हें कार में गांजा रखने के आरोप में चिंतुर की पुलिस गिरफ्तार कर अपने साथ थाने ले गई। चिंतुर थाना आंध्रप्रदेश के अल्लूरी सीतारामा राजू जिले में पड़ता है। मामला पत्रकारों से जुड़े होने के कारण बात गृहमंत्रालय तक पहुंची और पुलिस के उच्चाधिकारियों ने मामले को तत्काल संज्ञान में लेते हुए कोंटा टीआई अजय सोनकर को आदेश जारी करते हुए रक्षित केंद्र सुकमा में अटैच कर दिया। यहाँ ये बताना लाजिमी होगा कि 10अगस्त की रात टीआई अजय सोनकर ने बिना किसी वारंट के आर.एन.एस. लॉज पहुँच कर वहाँ लगे सीसीटीवी फूटेज को जबरन अपने कब्जे में ले लिया था जबकि ऐसी कार्यवाही के लिए कानूनी अनुमति आवश्यक होता है। अजय द्वारा अवैधानिक कब्जे की कार्यवाही को पूर्णतया अनाधिकृत और गैरकानूनी मानी जा रही है। घटना के सामने आने के बाद एसपी सुकमा ने जाँच के आदेश दिये हैं और दोषी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है।आईजी के अनुसार दंतेवाड़ा के पत्रकार बप्पी राय की कार में 40 किलो गांजा मिलने के मामले की जांच चिंतुर पुलिस कर रही है। वहां के थानेदार और अन्य अधिकारी कोंटा आकर पूरी पड़ताल कर रहे हैं। बहरहाल थाना प्रभारी अजय सोनकर के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है और मामले की निष्पक्ष जाँच की जा रही है। रंजिश और साजिश के इस खेल के हकीकत की तह तक की बात करें तो वर्तमान समय में भ्रष्टाचार अपनी चरम सीमा पर पहुँच गयी है। कोई सोच भी नहीं सकता था कि पुलिस पत्रकारों के साथ ऐसी घिनौनी हरकत करेगी। पुलिस की इस कायराना करतूत से ये सवाल बार-बार उठ रहे हैं कि जब पत्रकारों के साथ ऐसा हो सकता है तो आम जनता के साथ क्या नहीं करते होंगे पुलिस वाले..?