
तहतक न्यूज/चिराईपानी। शहर हो या गाँव, समस्याएं तो हर जगह होती हैं लेकिन, जिस गति से समस्याओं का अम्बार बढ़ रहा है उस रफ्तार से निराकरण नहीं हो पा रहा है। यही कारण है कि सरकार अब स्वयं अपनी प्रजा के द्वार पहुँच कर उनकी समस्याओं का समाधान करने का प्रयास कर रही है। इसी तारतम्य में जिला कलेक्टर कार्तिकेय गोयल के मार्गदर्शन में ग्राम-पंचायत लाखा के आश्रित ग्राम चिराईपानी के स्कूल प्रांगण में स्थानीय प्रशासन व थाना पूँजीपथरा पुलिस द्वारा जन चौपाल लगाया गया।

इस कार्यक्रम में ग्रामीण पुरुषों के अलावा महिलाओं की भागीदारी ज्यादा देखने को मिली। मिलनसार थाना प्रभारी राकेश कुमार मिश्रा ने अपने चिरपरिचित मुस्कान के साथ चौपाल की शुरुआत करते हुए भारतीय कानून की दण्ड संहिता को न्याय संहिता में परिवर्तित किये जाने और इससे त्वरित न्याय मिलने के सम्बन्ध में विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए अपने कुशल व्यवहार से जहाँ ग्रामीणों का दिल जीत लिया तो वहीं नायब तहसीलदार रायगढ़ तृप्ति चंद्राकर ने ग्रामवासियों की ज्वलंत समस्याओं को गंभीरता से सुना। इनके सहज और आत्मीयता पूर्ण वार्तालाप से प्रभावित महिलाओं ने खुलकर अपनी-अपनी बातें सामने रखीं।
ग्राम वासियों की प्रमुख समस्या जर्जर सड़क को लेकर थी जिसमें बड़े-बड़े गड्ढे बन गये हैं। उल्लेखनीय है कि चिराईपानी से गेरवानी के बीच ओम श्री रुपेश स्टील, वजरान स्टील, महालक्ष्मी स्टील,रियल वायर और सुनील इस्पात एन्ड पॉवर लि. जैसे उद्योग स्थापित हैं जहाँ सैकड़ों की संख्या में 30/40 टन से 60 टन तक के ओवर लोड वाहनों की आवा-जाही होती है। इन भारी वाहनों से यहाँ की सड़क बुरी तरह से क्षति ग्रस्त हो गयी है।
जन-चौपाल में संबंधित सभी कंपनियों के प्रतिनिधियों को भी बुलाया गया था जिसमें महालक्ष्मी प्लांट से कोई नहीं आया बाकि अन्य प्रतिनिधि उपस्थित थे। ग्रामवासियों की मांग पर सभी प्रतिनिधियों ने एक सप्ताह के भीतर जर्जर सड़क को मजबूती से मरम्मत करवाने की बात कही है।
ग्राम चिराईपानी में संभवतया पहली बार सफल हुए इस जन-चौपाल की तह तक की बात करें तो इस चौपाल में प्रशासन, पुलिस और आम ग्रामीणों के बीच मधुरतापूर्ण वातावरण में लोगों ने निर्भीक होकर खुलकर चर्चाएं कीं और उसका सार्थक परिणाम भी निकला। हाँ, यहाँ पर एक नकारात्मक तस्वीर भी देखने को मिली वो ये कि लाखा पंचायत से सरपंच सचिव नदारद रहे। जनता की चौपाल पर जहाँ प्रशासन और पुलिस की गरिमामय उपस्थिति रही तो वहीं सरपंच और सचिव की अनुपस्थिति उनके इस गैर जिम्मेदाराना रवैये पर अनेकों सवाल खड़े करती है।