
तहतक न्यूज/बिलासपुर, छत्तीसगढ़।
स्कूली बच्चों तथा उनके अभिभावकों के लिए अच्छी खबर आयी है, विशेष कर उनके लिए जो किन्हीं कारणवश फीस जमा नहीं कर पाने की स्थिति में स्कूल प्रबंधन द्वारा जलील व प्रताड़ना के शिकार होते हैं। इस सम्बन्ध में छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने प्रदेश के निजी विद्यालयों में बच्चों को विभिन्न कारणों से समय-समय पर प्रताड़ित किए जाने की खबरों को गंभीरता से लिया है। आयोग ने राज्य के सभी जिला कलेक्टरों और डीईओ को पत्र लिखकर बाल अधिकार आयोग अधिनियम 2005 की विभिन्न धाराओं का उल्लेख करते हुए इनका पालन कराने की सिफारिश की है।
बिलासपुर के डीईओ ने जिले के सभी शासकीय एवं अशासकीय शालाओं के प्राचार्य एवं प्रधानपाठकों को पत्र जारी कर इसका पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। पत्र में स्पष्ट किया गया है कि किसी भी विद्यार्थी को फीस के लिए क्लास में जलील नहीं किया जाएगा और ना ही वाट्सएप ग्रुप से बाहर किया जाएगा।
इस सम्बन्ध में डीईओ अनिल तिवारी ने जानकारी दी कि निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों एवं उनके अभिभावकों को किन्हीं कारण वश स्कूलों द्वारा बनाये गये वाट्सअप ग्रुप से हटाए जाने सहित अन्य प्रकरणों को जन प्रतिनिधियों द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के संज्ञान में लाया गया है जिसे आयोग ने गंभीरता से लिया है। डीईओ ने जिले के सभी निजी स्कूलों को आदेशित किया है कि वे बच्चों के अभिभावकों द्वारा फीस नहीं पटाने को लेकर बच्चों तथा उनके माता-पिता से विवाद न करें।