तहतक न्यूज/रायगढ़।
छत्तीसगढ़ के अन्नदाताओं के खून पसीने से कमाई हुई इस साल की फसल की खरीदी का समय अब करीब आ गया है। कहीं-कहीं धान की कटाई चल रही है तो कहीं मिसाई हो रही है। इस साल किसान परिवारों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है तो वहीं रकबा का क्षेत्र भी काफी बढ़ा है। माना जा सकता है कि धान के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी से कृषि कार्य को बढ़ावा मिला है और निराश किसान परिवारों की रूचि पुनः खेती-किसानी की ओर बढ़ रही है।
बता दें कि आगामी 14 नवम्बर से प्रदेश के सभी धान उपार्जन केंद्रों में धान की खरीदी शुरू हो जाएगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य सरकार 25,75,804 किसानों से धान खरीदेगी। पिछले साल की तुलना में एक लाख किसानों की बढ़ोतरी हुई है वहीं रकबा भी दो लाख बढ़ कर कुल रकबा 32,50,123.917 हेक्टेयर हो गया है। धान मंडियों में धान खरीदी 31जनवरी 2025 तक किया जाना है।
प्रदेश में सभी धान खरीदी केंद्रों में इलेक्ट्रॉनिक वेइंग मशीन का उपयोग होगा जिससे तौल में कोई गड़बड़ी नहीं होगी। किसानों की धान 3100रु. प्रति क्विंटल की दर से खरीदी जाएगी। धान खरीदी के लिए तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है और कुछ ही दिनों में किसानों को मोबाईल से मैसेज भेजने का काम शुरू होगा जिसमें बताया जायगा कि किसानों को धान किस तरीके से बेचना है।
अधिकारियों के अनुसार धान के लिए 30,000 बारदानों की खरीद की गयी है। 37.47 लाख किसान परिवार हैं जिनमें 80%लघु और सीमांत किसान हैं। फसलों की बात करें तो प्रदेश में धान, सोयाबीन, उड़द और अरहर मुख्य खरीफ फसलें हैं। पिछले वर्ष 144.92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी, इस साल राज्य सरकार ने 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा है। 31 मार्च 2025 तक धान का उठाव अनिवार्य रूप से किया जाना है। किसानों की सुविधा के लिए उपार्जन केंद्रों में बैठने की व्यवस्था, पेयजल, कंप्यूटर और इंटरनेट की व्यवस्था रहेगी।